

आप जो Coca Cola पीते है जानिए ये दुनिया में कैसे आई जाने कैसे हुई शुरुआत

Coca Cola : ठंडा यानी कोका-कोला, ये टैग लाइन तो आपने सुनी ही होगी, गर्मी में गला ठंडा करने के लिए कोला तो आपने पिया ही होगा. कोला ही नहीं, अन्य ब्रांड्स का स्वाद भी कभी न कभी चखा होगा, लेकिन क्या आप जानते हैं कि हम जो सॉफ्ट ड्रिंक पीते हैं, वह दुनिया को कैसे मिली? इसका आविष्कार किसने किया और भारत में कोला का इतिहास क्या है?
दुनिया में सॉफ्ट ड्रिंक्स का इतिहास पुराना है, लेकिन अगर कोला की बात करें तो यह दुनिया को 18वीं शताब्दी में एक प्रयोग के दौरान मिला था। इसके आविष्कारक एक डॉक्टर थे जिन्होंने नशे की आदत को खत्म करने के लिए एक दवा बनाते समय इसका आविष्कार किया था। लंबे समय तक इस सॉफ्ट ड्रिंक को सिर दर्द की दवा के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता था। आइए जानते हैं क्या है इसका इतिहास?

ऐसे हुआ था कोला का आविष्कार?
दुनिया में कोला का अविष्कार 1886 में अटलांटा में हुआ था, जहां इसे जॉर्जिया में जैकब की फार्मेसी में लोगों के लिए एक सिरप तैयार करने के लिए डॉ. जॉन पेम्बर्टन द्वारा बनाया गया था। कोका-कोला की वेबसाइट के मुताबिक, डॉक्टर जॉन ने लैब में तैयार ड्रिंक को लैब से बाहर निकाला. उन्होंने इस ड्रिंक में सोडा वाटर मिलाया। जब उन्होंने इसे लोगों को पीने के लिए दिया तो सभी को यह बहुत पसंद आया। इसके बाद कंपनी ने इसे ड्रिंक के तौर पर बेचना शुरू किया। चूंकि इसे फार्मेसी कंपनी ने बनाया था, इसलिए शुरुआत में इसे सिर दर्द की दवा के तौर पर इस्तेमाल किया जाने लगा।

यह आविष्कार किया गया पहला पेय नहीं था
यह डॉ. जॉन का पेय का पहला आविष्कार नहीं था। बताया जाता है कि इससे पहले भी जॉन ने 1885 में वाइन कोका बनाया था, जिसमें अल्कोहल मिलाया गया था. इसका उपयोग टॉनिक के रूप में किया जाता था। हालांकि कुछ समय बाद एक बिल की वजह से इसे बैन कर दिया गया और कंपनी एक नई दवा बनाने की कोशिश करने लगी। इसी प्रयोग के दौरान कोला का जन्म हुआ।
ऐसा नाम मिला
डॉ. जॉन पेम्बर्टन द्वारा बनाई गई इस ड्रिंक में कैफीन, कोका की पत्तियां भी मिलाई गई थीं, इसलिए इस ड्रिंक का नाम कोका-कोला रखा गया। ऐसा कहा जाता है कि फ्रैंक रॉबिन्सन द्वारा पेय को यह नाम दिया गया था। शुरुआत में यह कोका-कोला एक दिन में सिर्फ नौ गिलास ही बना पाता था। धीरे-धीरे इसकी डिमांड बढ़ती गई और आज दुनिया में अरबों बोतलें बिकती हैं।

भारत में कोला कब उपलब्ध होना शुरू हुआ?
भारत में कोका-कोला की बिक्री 1949 में शुरू हुई थी। उस समय भारत में यही एकमात्र कंपनी थी। प्योरड्रिंक उस समय इसका निर्माण करती थी, 1977 में कंपनी ने अपना कारोबार बंद कर दिया, क्योंकि विदेशी मुद्रा अधिनियम के तहत उसे भारतीय सहायक कंपनी को अधिक हिस्सेदारी देनी थी। इसके बाद कैंपा कोला की शुरुआत हुई। प्रतिस्पर्धा न होने के कारण यह बाजार में छा गया। 90 के दशक में एक पारिवारिक विवाद के कारण यह ब्रांड भी गायब हो गया, जिसके बाद पेप्सिको ने भारत में प्रवेश किया, 1991 के बाद कोका-कोला ने फिर से भारत में अपने उत्पादों की बिक्री शुरू कर दी।
